इन भीगी पलको में ,गुलाबी अश्क लिए
बेकरार थी, न जाने किस के लिए
सो गया था आसमा, चाँद के डूबने के लिए
वो जागती रही फिर ,एक नयी सुबह होने के लिए !
वो आँखे धुड्ती रही,न जाने क्यूँ
उसके जाने के बाद ,
हर वक़्त उसे तडपाती रही
खोये उन पल की याद ,
वो सोकर भी जागती रही
हर रात बीत जाने के बाद !!
अब हम आगे क्या बताये ,तुम्हे "बिट्टू "
हर लफ्ज तो नजर बन गयी थी
उससे छूट जाने के बाद-2 ,
बदलती रंग की इस दुनिया में
वो भी बदल गयी थी ,
मुझसे दूर होने के बाद !!!
में वही का ,वही रह गया
उसकी सगाई बीत जाने के बाद
ये आँखे उसे धुन्धती रही ,फिर से
न जाने क्यूँ ,उसके चले जाने के बाद -२!!!!
No comments:
Post a Comment