हर शाम तो बस ,एक बुझती हुई चराग है ,
जो कल भी आती थी,जो आज भी आती है
बस वो कल तक मुझसे,कुछ कहती थी
आज बिना पूछे चली जाती है !
पर आज भी, हम तुझसे ,कुछ कहते है
जो कल तक भी कुछ कहते थे !
फर्क बस इतना था ,
कल तक जिसे सच कहते थे ,
उसे आज झूठ कहते है !
कलम में दम है फिर लिखना क्यों छोड़ दिया . . . ??
ReplyDeleteशुभकामनायें !