Monday, May 16, 2011

उसे आज झूठ कहते है !

हर शाम तो बस ,एक बुझती हुई चराग है ,
जो कल भी आती थी,जो आज भी आती है 
बस वो कल तक मुझसे,कुछ कहती थी 
आज बिना पूछे चली जाती है !

पर आज भी, हम तुझसे ,कुछ कहते है 
जो कल तक भी कुछ कहते थे !
फर्क बस इतना था ,
कल तक जिसे सच कहते थे ,
उसे आज झूठ कहते है !

1 comment:

  1. कलम में दम है फिर लिखना क्यों छोड़ दिया . . . ??
    शुभकामनायें !

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